बाढ़ में फसल खराब: मॉनसून सीजन जहां एक तरफ किसानों के लिए राहत लेकर आता है, वहीं कई बार ज्यादा बारिश बाढ़ का रूप लेकर किसानों के लिए भारी नुकसान का कारण बन जाती है। खेत में पानी भर जाने से फसलें बर्बाद हो जाती हैं और किसान की सारी मेहनत पर पानी फिर जाता है। अगर किसान कुछ जरूरी उपायों को समय पर अपनाएं, तो बाढ़ जैसी मुश्किल हालात में भी फसल को बचाया जा सकता है और नुकसान की भरपाई संभव है। बाढ़ में फसल खराब
खेत में जल निकासी की व्यवस्था सबसे जरूरी
खेत में अगर बाढ़ का पानी घुस आया है, तो सबसे पहले उसे निकालने की कोशिश करें। खेत में जितनी देर तक पानी रुका रहेगा, फसल को उतना ही ज्यादा नुकसान होगा। इसलिए खेत में बनी नालियों की सफाई करें ताकि पानी आसानी से बाहर निकल सके।
जरूरत हो तो खेत की मेड़ों को काटकर पानी के बाहर निकलने का रास्ता बना दें। जब पानी निकल जाए, तो खेत की मिट्टी को खुला छोड़ दें ताकि धूप से वह अच्छी तरह सूख सके।
फसल बीमा का लाभ उठाएं
- अगर आपने खरीफ फसल का बीमा कराया है, तो नुकसान की स्थिति में तुरंत बीमा क्लेम करें।
- फसल खराब होने के 72 घंटे से 7 दिन के भीतर नजदीकी कृषि अधिकारी को सूचित करें।
- ग्राम सेवक या कृषि विभाग से जल्द से जल्द संपर्क करें।
- फसल नुकसान का बीमा क्लेम करने के लिए फोटो, वीडियो और जरूरी सबूत पहले से जुटाकर रखें।
मिट्टी की जांच करवाना न भूलें
- बारिश या बाढ़ के बाद खेत की मिट्टी से पोषक तत्व बह जाते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरकता कम हो जाती है।
- इससे फसल की उपज पर असर पड़ता है।
- इसलिए, तुरंत नजदीकी मिट्टी परीक्षण केंद्र पर जाकर मिट्टी का सैंपल जांच करवाएं।
- जांच रिपोर्ट से पता चलेगा कि आपकी मिट्टी में कौन-कौन से पोषक तत्व कम हैं।
- रिपोर्ट के अनुसार सही खाद और उर्वरक का इस्तेमाल करें ताकि फसल अच्छी हो।
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