करण खुशबू गेहूं: खेती में मौसम की मार और पानी की कमी जैसी समस्याएं अब आम होती जा रही हैं, जिससे किसान लगातार चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच एक अच्छी खबर आई है। करनाल स्थित भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR) ने गेहूं की एक नई किस्म ‘करण खुशबू’ (DBW-386) तैयार की है, जो किसानों के लिए राहत बन सकती है। यह किस्म न सिर्फ गर्मी और कम पानी में भी अच्छा उत्पादन देती है, बल्कि रोगों का भी डटकर सामना करती है।
करण खुशबू की खास बातें
- यह फसल 123 दिन में तैयार हो जाती है।
- प्रति हेक्टेयर 50-52 क्विंटल गेहूं का उत्पादन होता है।
- कम पानी, कम सिंचाई में भी अच्छी पैदावार मिलती है।
- झुलसा रोग समेत कई बीमारियों से सुरक्षित रहती है।
- कम खर्च में 1.25 लाख रुपये तक की आमदनी संभव है।
किन राज्यों के लिए सबसे बेहतर है?
पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर इन राज्यों में ये गेहूं की किस्म काफी अच्छे नतीजे दे रही है। खासकर उन इलाकों में जहां पानी थोड़ा कम होता है लेकिन मिट्टी अच्छी होती है, वहां ये किस्म सोने पर सुहागा जैसी साबित हो रही है। कम पानी में भी अच्छी पैदावार देना इसकी सबसे बड़ी ताकत है।
बुवाई का सही समय और तरीका
गेहूं की बुवाई का सबसे सही समय अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से लेकर नवंबर के तीसरे हफ्ते तक होता है। इस दौरान खेत में नमी बनी रहनी चाहिए, लेकिन पानी जमा न हो, इसलिए निकासी की व्यवस्था जरूर करें। बुवाई से पहले मिट्टी की जांच कर लें और उसकी जरूरत के अनुसार संतुलित खाद डालें ताकि फसल की शुरुआत से ही बेहतर बढ़वार हो सके।
बीज से लेकर फसल तक, हर कदम पर सावधानी जरूरी
- बुवाई से पहले मिट्टी की जांच ज़रूर कर लें और खेत के लिए सही खाद का इस्तेमाल करें।
- बीज खरीदने से पहले अपने नज़दीकी कृषि केंद्र से ज़रूर सलाह लें।
- अगर फसल में कोई कीट या बीमारी दिखे, तो तुरंत अपने कृषि अधिकारी से संपर्क करें।
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