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कातरा कीट से प्रभावित खरीफ फसल, पौधों की पत्तियाँ और तना कुतरे हुए दिखाई दे रहे हैं

कातरा कीट का बढ़ता कहर: कृषि विभाग ने दी चेतावनी और बचाव की सलाह

Ashish Chouhan 2 days ago 0 4

जैसे ही मानसून आता है और खेतों में नमी बढ़ती है, वैसे ही एक छोटा लेकिन बहुत नुकसान करने वाला कीट कातरा कीट फसलों पर हमला कर देता है। ये कीट खासकर रात में ज़्यादा एक्टिव होता है और पौधों की जड़ और तना कुतर देता है, जिससे फसलें कमजोर होकर सूखने लगती हैं।
इस बार भी ग्वार, बाजरा, मूंगफली, तिल और मोठ जैसी खरीफ फसलें इसकी चपेट में आ गई हैं। गाँवों से मिल रही खबरों और कृषि विभाग की चेतावनी से साफ है कि अगर समय रहते ध्यान न दिया गया, तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

कातरा कीट कैसे करता है नुकसान

मानसून की पहली अच्छी बारिश होती है, मिट्टी में छिपे हुए कातरा कीट के पतंगे बाहर निकल आते हैं। ये पतंगे रात में ज़्यादा सक्रिय होते हैं और रोशनी की तरफ खिंचते हैं इसलिए अक्सर इन्हें लाइट के पास मंडराते देखा जाता है। मादा पतंगा एक बार में करीब 600 से 700 अंडे देती है। ये अंडे पत्तियों की नीचे वाली सतह पर होते हैं और दिखने में छोटे-छोटे पीले दानों जैसे लगते हैं। सिर्फ 2–3 दिन में ये अंडे लटों में बदल जाते हैं और यहीं से असली नुकसान शुरू होता है। ये लटें बहुत तेज़ी से पौधों की पत्तियाँ, तने और कभी-कभी जड़ें तक कुतर देती हैं। पौधे धीरे-धीरे मुरझाने लगते हैं और सूखकर मर जाते हैं। एक बार अगर खेत में फैल जाएँ, तो पूरी फसल को बर्बाद कर सकती हैं।

कृषि विभाग की सलाह

  • खेत की समय-समय पर निगरानी करें।
  • अगर अंडे या लटें दिखाई दें, तो फौरन कदम उठाएं।
  • फेरोमोन ट्रैप लगाएं, नीम का छिड़काव करें, या आवश्यकता पड़ने पर कीटनाशकों का उपयोग करें।
  • संक्रमित पौधों को हटाकर नष्ट कर दें।

कातरा कीट से देसी बचाव

  • खेत के चारों ओर एक खाई खोदें और उसमें मिट्टी का तेल मिलाकर पानी डालें इससे लटें खेत में नहीं आ सकेंगी।
  • रात के समय गैस की लालटेन या बल्ब जलाकर नीचे मिट्टी का तेल वाला पानी रखें इससे पतंगे उसमें गिरकर मरे जाते हैं।
  • नीम का छिड़काव करें यह लटों को समाप्त करता है और पतंगों को भी दूर रखता है।
  • सुबह खेत में जाकर लटों को हाथ से चुनकर नष्ट कर दें।

रासायनिक उपाय

  • कातरा कीट के नियंत्रण के लिए शाम के समय कीटनाशक का उपयोग करने का सबसे अच्छा तरीका होता है।
  • क्लोरोपाइरीफॉस 20 ईसी की 1.5 लीटर की मात्रा प्रति हेक्टेयर शाम को छिड़कें।
  • दूसरे प्रभावी विकल्प के रूप में क्विनालफॉस 25 ईसी भी मौजूद है।
  • क्विनालफॉस के 1.5% पाउडर का 6 किलो प्रति बीघा छिड़काव करें।
  • मिथाइल पैराथियॉन 2% पाउडर लटों के नियंत्रण के लिए भी कारगर है।
  • छिड़काव करते समय सभी सुरक्षा उपायों का पालन करना न भूलें।

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