छत्तीसगढ़ सरकार की एक अनोखी और सराहनीय योजना है गोधन न्याय योजना। इस योजना के तहत सरकार किसानों और पशुपालकों से गोबर खरीदती है, जिससे उन्हें आर्थिक मदद मिलती है। जहां पहले गोबर को बेकार समझा जाता था, अब वही कमाई का जरिया बन गया है। इससे न सिर्फ किसान सशक्त हो रहे हैं, बल्कि पर्यावरण को भी फायदा हो रहा है क्योंकि इस गोबर से जैविक खाद बनाई जाती है।
मुख्यमंत्री गोधन न्याय योजना क्या है?
गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) छत्तीसगढ़ में जुलाई 2020 से शुरू हुई थी। इसका मकसद है किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाना। इस योजना में सरकार सीधे पशुपालकों से गोबर खरीदती है। इससे किसानों को गोबर का सही दाम मिलता है और आमदनी का एक नया जरिया मिल जाता है। इस गोबर से जैविक खाद बनाई जाती है, जो खेती के लिए फायदेमंद है। इससे खेत की उपज भी बढ़ती है और खर्च भी कम होता है।
क्या होता है इस गोबर का?
सरकार जो गोबर किसानों से खरीदती है, उसका इस्तेमाल वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने में होता है। इससे खेती में रासायनिक खाद की जरूरत कम हो जाती है और ज़मीन की सेहत भी सुधरती है। अब तक सरकार 100 करोड़ रुपये तक का गोबर खरीद चुकी है। करीब 50 लाख टन गोबर किसानों और गोशालाओं से खरीदा गया है। इससे जो खाद्य बनती है वह खेती व पेड़-पौधे के लिए अच्छी होती है. कुल मिलाकर देखा जाए तो यह खाद ऑर्गेनिक होती है
क्या है पात्रता?
- व्यक्ति छत्तीसगढ़ राज्य का मूलनिवासी हो
- जिनके पास खुद के पशु हों
- बड़े व्यापारी न हो
- वो बड़े किसान न हो, जिनकी खुद की जमीन हो।
आवश्यक दस्तावेज़
- मूल निवास प्रमाणपत्र
- आधार कार्ड
- बैंक की जानकारी
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर
- वोटर आईडी कार्ड।
गोधन न्याय योजना का ऑनलाइन आवेदन कैसे करें
योजना का लाभ पाने के लिए किसान और पशुपालक ऑनलाइन वेबसाइट godhannyay.cgstate.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होता है। आवेदन करते समय आधार कार्ड, बैंक पासबुक और जरूरी जानकारी भरनी होती है। फॉर्म भरने के बाद सबमिट करें और रसीद नंबर सुरक्षित रखें। इससे गोबर बेचने पर भुगतान सीधे बैंक खाते में आता है।
और ये भी पढ़े:- मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना: पेड़ लगाने पर मिलेगा पैसा, जानें कैसे