मुख्यमंत्री जन वन योजना झारखंड के तहत, जिन लोगों के पास मकान के सामने या पीछे 50 डिसमिल से अधिक जमीन है, वे अपने आंगन में पेड़ लगाकर सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
मुख्यमंत्री जन वन योजना का मकसद
इस योजना का उद्देश्य निजी जमीन पर वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है, जिससे न केवल पर्यावरण की रक्षा हो, बल्कि किसानों और आम जनता की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो। योजना के जरिए जंगलों पर पड़ने वाले दबाव को कम करने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है।
योजना से मिलने वाले लाभ
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा ये है कि सरकार आपको पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने में मदद करती है। मतलब, आपके खर्चे का लगभग 75% हिस्सा सरकार उठाती है, जिससे आपको ज्यादा पैसे लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। पेड़ लगाने से न सिर्फ हमारा वातावरण साफ-सुथरा और हराभरा होता है, बल्कि इससे हवा भी ताजी रहती है और प्रदूषण कम होता है। साथ ही, पेड़ लगने से जमीन में पानी भी सही तरीके से जमा होता है, जिससे सूखे की समस्या कम होती है।
अगर आप फलदार या औषधीय पेड़ लगाते हैं, तो इससे आपकी आमदनी भी बढ़ सकती है। मतलब, पर्यावरण की मदद करते हुए खुद भी फायदा होगा।
झारखंड जन वन योजना के लाभ
- पेड़ लगाने और उनकी देखभाल के खर्च का 75% तक खर्च सरकार वहन करेगी।
- फलदार और औषधीय पौधों के लिए विशेष वित्तीय सहायता।
- पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आपकी जमीन की उपजाऊता और सौंदर्य भी बढ़ेगा।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज़
- भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र
- आवेदन पत्र
- बैंक पासबुक (कॉपी)
- आधार कार्ड
आवेदन कैसे करें?
- सबसे पहले, योजना का आवेदन फॉर्म अपने नजदीकी वन विभाग कार्यालय से लें।
- अपनी जमीन का मालिकाना प्रमाण (जैसे जमीन के कागजात) साथ रखें।
- बैंक पासबुक की कॉपी भी साथ लगाएं, जहां योजना की राशि मिलेगी।
- सभी दस्तावेज़ सही तरीके से भरकर वन विभाग के कार्यालय में जमा करें।
- विभाग आपके आवेदन की जांच करेगा और चयनित लोगों की सूची जारी करेगा।
- चयन होने पर आपको पेड़ लगाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी।
- ध्यान दें कि आवेदन प्रक्रिया फिलहाल ऑफलाइन है, ऑनलाइन आवेदन उपलब्ध नहीं है।
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