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मूंगफली के पौधों में पीलापन और जड़ गलन की समस्या का समाधान करते किसान

मूंगफली में पीलापन और जड़ गलन? जानिए तुरंत नियंत्रण के असरदार तरीके

Ashish Chouhan 5 days ago 0 14

मूंगफली की खेती इस समय कई किसानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। फसल में पीलापन, जड़ें काली या सड़ना, और दीमक या सफेद लट (White Grub) जैसे कीटों का हमला आम हो गया है। आइए जानते हैं इन समस्याओं का सरल और प्रभावी समाधान।

पत्तियों में पीलापन क्यों आता है?

जब बारिश बहुत ज्यादा होती है या हम ज़रूरत से अधिक पानी देते हैं, तो खाद मिट्टी में गहराई तक चली जाती है। इससे पौधे की जड़ें ज़िंक, फेरस और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पातीं। इनकी कमी से नई पत्तियां पीली या सफेद दिखाई देने लगती हैं।

मूंगफली की फसल में तीन मुख्य समस्याएं होती हैं

पीलापन, जड़ों का फंगस से संक्रमित होना और कीटों का हमला। बारिश के मौसम में जिंक, फेरस और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की कमी बहुत होती है। इसके अलावा, सल्फर की कमी भी देखने को मिलती है। इन तत्वों की कमी से नई पत्तियां पीली पड़ती हैं और उत्पादन कम हो जाता है। जड़ गलन और काली होने की समस्या से पौधे सूख भी सकते हैं। इसके साथ ही दीमक, वाइट ग्रब जैसे कीट भी जड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। खासकर जब खेत में कच्चा गोबर डालते हैं तो ये कीट बढ़ जाते हैं। इससे मूंगफली की फसल पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।

जड़ गलन और कीट नियंत्रण कैसे करें?

  • ज़िंक सल्फेट, फेरस सल्फेट, मैग्नीशियम सल्फेट और यूरिया का छिड़काव करें।
  • ‘सीविड’ नामक विशेष जैविक फर्टिलाइज़र का प्रयोग करें, जो जड़ों को मजबूत बनाता है।
  • फंगस से बचाव के लिए थायोफेनेट मिथाइल पाउडर का उपयोग करें।
  • कीट नियंत्रण के लिए फिप्रोनिल दानेदार फॉर्म खेत में डालें।
  • इन सभी उपायों के बाद हल्की सिंचाई करें ताकि पोषक तत्व मिट्टी में अच्छे से मिल जाएं और जड़ों तक पहुंच सकें।
  • इन उपायों को अपनाने से 7–10 दिनों में फसल में सुधार दिखने लगेगा और उत्पादन बेहतर होगा।

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