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मूंगफली के पौधे पर चमकीले पीले फूल, जो फसल के महत्वपूर्ण विकास चरण को दर्शाते हैं।

मूंगफली में पीले फूल आते ही बढ़ाएं मूंगफली की देखरेख, जानिए

Ashish Chouhan 17 hours ago 0 7

भारत में मूंगफली की फसल तिलहन फसलों में एक है और किसानों के लिए एक नकदी फसल मान जात है। ि आप मूंगफली की खेती कर े हैं या सोच रहे हैं, तो ि फूल आने के स पर ि ध्यान देना ्यक यही व समय होता है जब फसल को ि पोषण और देखभाल की सबसे ि ्य होती है।

मूंगफली में पीले फूलों का क्या है महत्व?

मूंगफली के पौधों जुलाई के महीने में चमकीले पीले फूल ि ने लगते हैं। ये फूल परागण करते हैं, ि इनकी तली से “पेग” नामक संरचना िकती है, जो मिी में जाकर मूंगफली की फली ि ती है। , इन पीले फूलों का फल की गुणवत्ता और उत्पादन से होता है।

फूलों के स्टेज पर रखें ये जरूरी सावधानियां

जब मूंगफली के पौधों फूल ने लगें, तो कि आपको फसल की द ि े कर

  • पोषक तत्वों का सही प्रबंधन करें
  • फूल कमजोर होंगे तो गिर सकते हैं और इससे फल नहीं बन पाएंगे।
  • इसलिए समय पर खाद और पोषक तत्वों का स्प्रे करें।
  • किसी कृषि विशेषज्ञ से सलाह लेकर खाद की सही मात्रा और समय तय करें।

मूंगफली के लिए उर्वरक कब और कितना दें?

मूंगफली की फसल को बीमारियों से ने और स्वस्थ रखने ि उर्वरकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विशेष रूप से नाइट्रोजन और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व पौध की वृद्धि और विकास ि करते हैं।

  • प्रति हेक्टेयर खेत में 15 किलो नाइट्रोजन और 60 किलो फॉस्फोरस डालने की सलाह दी जाती है।
  • इसके साथ ही, 250 किलो जिप्सम प्रति हेक्टेयर डालना लाभकारी होता है।
  • यह न केवल पौधों में तेल की मात्रा बढ़ाता है, बल्कि दाने भी बड़े और अच्छी गुणवत्ता वाले बनते हैं।

उर्वरकों का संतुलित और समय पर प्रयोग मूंगफली की उपज और गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक होता है।

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