राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ सरकार ने 21 मई 2020, राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर की थी। इसका उद्देश्य किसानों को फसल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाना है।
इस योजना के तहत किसानों को वित्तीय सहायता दी जाती है, जो साल में चार किस्तों में सीधे उनके खातों में भेजी जाती है। कोरोना महामारी के कठिन समय में शुरू हुई यह योजना किसानों के लिए बड़ी राहत साबित हुई है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना का उद्देश्य और लाभ
इस योजना का मकसद है किसानों को फसल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना और उनकी आमदनी बढ़ाना। इसके तहत किसानों को प्रति एकड़ अधिकतम ₹10,000 की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो किस्तों में सीधे उनके बैंक खातों में जमा होती है। इसके अलावा गन्ना किसानों को भी फायदा दिया जाता है उन्हें ₹93.75 प्रति क्विंटल की दर से FRP राशि का भुगतान किया जाता है, जो कुल मिलाकर ₹355 प्रति क्विंटल तक मिलती है। ये भुगतान DBT यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए किया जाता है।
योजना के अंतर्गत फसलें
योजना के प्रारंभिक वर्ष में केवल धान, मक्का और गन्ना फसलों को शामिल किया गया था, लेकिन बाद में लेकिन किसानों को ज़्यादा लाभ देने के उद्देश्य से सरकार ने धीरे-धीरे इसमें और फसलें भी जोड़ दीं। अब इस योजना में कोदो-कुटकी, अरहर, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य मजबूत किस्म के चावल, और यहां तक कि केला और पपीता जैसी फसलें भी शामिल हैं।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए पात्रता
- आवेदक छत्तीसगढ़ राज्य का निवासी होना चाहिए।
- आवेदक सीमांत किसान, छोटे किसान या बड़े किसान होना चाहिए।
- आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- सभी श्रेणी के भूमिधारी और वन पट्टाधारी किसान इस योजना का लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक पासबुक
- छत्तीसगढ़ निवासी प्रमाण पत्र
- भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
- सबसे पहले किसान को आधिकारिक वेबसाइट https://kisan.cg.nic.in/ पर जाना होगा।
- यहाँ से आवेदन पत्र डाउनलोड करें।
- फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरें और दस्तावेज़ साथ में लगाएं।
- भरे हुए फॉर्म को अपने क्षेत्र के RAEO (ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी) के पास जमा करें।
- RAEO सत्यापन के बाद फॉर्म आगे पंजीकरण के लिए भेजते हैं।
- आवेदन की स्थिति की जानकारी SMS के माध्यम से किसान को दी जाती है।
- पंजीकरण के बाद हर किसान को एक यूनिक आईडी नंबर जारी किया जाएगा।
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