भारत में खेती सिर्फ खाने का जरिया नहीं, बल्कि हमारी परंपरा, संस्कृति और जीवनशैली का अहम हिस्सा रही है। जैसे-जैसे समय बदला है, खेती के तरीके भी बदल रहे हैं। अब लोग सिर्फ उत्पादन बढ़ाने पर नहीं, बल्कि मिट्टी, पानी और सेहत की चिंता करते हुए प्राकृतिक और जैविक खेती जैसे विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं।
प्राकृतिक और जैविक खेती के फायदे
प्राकृतिक खेती क्या है? (Natural Farming)
प्राकृतिक खेती एक ऐसी खेती का तरीका है जिसमें किसी भी तरह के केमिकल जैसे खाद या कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसमें खेती करने के लिए जो भी चीज़ें चाहिए होती हैं जैसे गोबर, गोमूत्र, पत्ते, और देशी बीज वो सब आसपास के प्राकृतिक और देसी साधनों से ली जाती हैं।
प्राकृतिक खेती की खास बातें:
- खेत में उपलब्ध संसाधनों से ही खेती करना।
- बिना केमिकल के, कम से कम खर्च में खेती करना।
- देसी गाय का गोबर-गोमूत्र, पुराने देसी बीज और परंपरागत तरीके का उपयोग करना।
- पानी की बचत और नमी बनाए रखना।
जैविक खेती क्या है? (Organic Farming)
जैविक खेती वो तरीका है जिसमें बिना किसी रासायनिक उर्वरक या कीटनाशक के, पूरी तरह प्राकृतिक तरीकों से फसल उगाई जाती है। इसमें मिट्टी की सेहत को बनाए रखने के लिए गोबर, कंपोस्ट, जैविक खाद और प्राकृतिक कीट नियंत्रण का इस्तेमाल होता है।
जैविक खेती की खास बातें:
- जैविक खेती में खाद, बीज और कीटनाशक बाहर से खरीदे जाते हैं।
- ऑर्गेनिक सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है।
- किसान घर में बने और बाजार से खरीदे गए जैविक पदार्थ दोनों का इस्तेमाल करते हैं।
- रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का पूरी तरह से इस्तेमाल बंद है।
प्राकृतिक खेती और जैविक खेती के फायदे
प्राकृतिक खेती के फायदे:
- मिट्टी की सेहत और उसमें रहने वाले सूक्ष्मजीव बढ़ते हैं।
- पानी की बचत होती है और मिट्टी में नमी लंबे समय तक बनी रहती है।
- फसल पूरी तरह से रसायनमुक्त होती है, जो हमारी सेहत के लिए अच्छी है।
- किसानों का कर्ज कम होता है क्योंकि खर्चा कम आता है।
जैविक खेती के फायदे:
- फसल का स्वाद और पोषण बेहतर होता है।
- ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन मिलने से उत्पाद की कीमत बाजार में ज्यादा मिलती है।
- मिट्टी की उर्वरता लंबे समय तक बनी रहती है।
- रसायनों के न होने से पर्यावरण प्रदूषण भी कम होता है।
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