उड़द और मूंग खरीफ मौसम की जरूरी दालें हैं अगर फसल अच्छी हो जाए, तो किसान की आमदनी भी बढ़ती है। लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत होती है खतरनाक कीटों का हमला, जो सारी मेहनत पर पानी फेर सकते हैं। दो सबसे खतरनाक कीट जो उड़द और मूंग की फसल को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं, वे है सफेद मक्खी (Whitefly), थ्रिप्स (Thrips) इन कीटों से बचाव के लिए समय पर पहचान, निगरानी और सही दवा का छिड़काव बहुत जरूरी है।
सफेद मक्खी – छोटा कीट, बड़ा नुकसान
- ये बहुत छोटे-छोटे सफेद रंग के कीड़े होते हैं।
- ये पत्तियों का रस चूसते हैं और साथ ही पत्तियों को काला करने वाला वायरस भी फैलाते हैं।
- पत्तियाँ पीली पड़ने लगती हैं, फसल कमजोर हो जाती है।
सफेद मक्खी से बचाव के आसान उपाय:
- पीले स्टिकी ट्रैप खेत में लगाइए — मक्खियां इन पर चिपक जाती हैं।
- फसल की शुरुआत में नीम का तेल (3–4 ml प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें।
- अगर कीटों की संख्या ज़्यादा हो जाए, तो इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL मात्रा: 3 ml दवा को 10 लीटर पानी में मिलाकर पूरे खेत में छिड़काव करें।
थ्रिप्स – दिखते नहीं, पर फसल को चुपचाप चट कर जाते हैं।
- ये कीड़े बहुत बारीक होते हैं, आंखों से देखना थोड़ा मुश्किल होता है।
- ये भी पत्तियों का रस चूसते हैं और पत्तियाँ सिकुड़ने और सूखने लगती हैं।
- फूल और फल बनने में भी रुकावट डालते हैं।
थ्रिप्स से बचाव के आसान तरीके:
- खेत में नीले या पीले स्टिकी ट्रैप लगाइए।
- अगर प्रकोप कम हो, तो नीम तेल 3–4 ml प्रति लीटर पानी छिड़कें।
- अगर कीट ज़्यादा हो जाएं, तो नीचे में से कोई एक दवा छिड़कें इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL, 3 ml प्रति 10 लीटर पानी या थियामेथोक्सम 25% WG, 100 ग्राम प्रति 200 लीटर पानी मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
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