सितंबर में पालक की खेती: सितंबर का महीना पालक की खेती के लिए सबसे शानदार समय माना जाता है। बरसात के बाद खेतों में नमी और ठंडा मौसम पालक के लिए एकदम परफेक्ट होता है। यह फसल न केवल जल्दी तैयार होती है, बल्कि त्योहारी सीजन में मंडियों में अच्छा दाम भी दिलाती है।अगर आप कम समय में ज़्यादा कमाई करना चाहते हैं, तो पालक की खेती जरूर आज़माएं। आइए जानते हैं कैसे।
पालक की खेती के लिए सही मिट्टी और बीज
पालक के लिए ऐसी मिट्टी अच्छी रहती है जिसमें नमी थोड़ी हो, यानी ज़्यादा गीली न हो और ज़्यादा सूखी भी न हो। इसे दोमट मिट्टी कहते हैं। अगर खेत में पानी रुक जाता है, तो नालियां बना कर पानी निकालना जरूरी है, ताकि पौधे खराब न हों।
बीज कौन से लें?
- जल्दी पालक चाहिए तो पूसा ज्योति या अल्लाहाबाद सेलेक्शन बीज लगाएं। ये जल्दी बढ़ते हैं।
- अगर ज्यादा दिन तक पालक चाहिए तो पूसा हरित या हिसार सेलेक्शन बीज अच्छे रहते हैं। ये लंबे समय तक फलते-फूलते रहते हैं।
- अगर बाजार में ज्यादा बिकने वाले बड़े और गहरे हरे पत्ते चाहिए तो हाइब्रिड बीज लें।
पालक की बुवाई और खाद देने के सही तरीका:
- बीज को बुवाई से पहले 2-3 घंटे पानी में भिगोएं
- कतार से कतार की दूरी 2 फीट रखें
- पौधे के बीच 5-7 सेंटीमीटर की दूरी रखें
- खेत की जुताई में सड़ी हुई गोबर की खाद डालें
- बाद में यूरिया दो बार हल्के से छिड़कें
- पहली सिंचाई बुवाई के 1 हफ्ते बाद करें।
- उसके बाद हर 10-12 दिन में हल्की सिंचाई करें।
कीट और रोग से बचाव:
- 20-25 दिन बाद निराई-गुड़ाई ज़रूर करें, ताकि खरपतवार न बढ़े।
- पत्तों पर दाग या पीली बीमारी दिखे तो मैनकोजेब का छिड़काव करें।
- अगर चेपा या काला कीड़ा हो तो नीम तेल का इस्तेमाल करें।
तुड़ाई और मुनाफा
- पहली तुड़ाई 30-35 दिन बाद शुरू करें।
- हर 7 दिन में तुड़ाई करें, ताकि लगातार ताज़ा पालक मिलता रहे।
- एक हेक्टेयर से 100 क्विंटल से ज़्यादा पालक मिल सकता है।
- अक्टूबर-नवंबर में त्योहारी मांग के कारण दाम अच्छे मिलते हैं।
- एक हेक्टेयर से ₹50,000 से ₹70,000 तक मुनाफा संभव है।
- थोड़ी ज़मीन पर भी पालक उगाकर रोज़ का खर्च आसानी से निकाल सकते हैं।
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