ट्रेंच विधि से गन्ना की खेती: पैदावार में बढ़ोतरी और गुलदार से सुरक्षा का समाधान
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के गन्ना किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब गन्ने की खेती में एक नई तकनीक – ट्रेंच विधि (Trench Method) अपनाकर न सिर्फ़ पैदावार बढ़ाई जा सकती है, बल्कि गुलदार जैसे जंगली जानवरों से फसल और किसानों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकती है।
फरवरी से ट्रेंच विधि को मिलेगा बढ़ावा
गन्ना विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, फरवरी 2025 से शुरू होने वाली गन्ना बुवाई की तैयारियां तेज़ी से चल रही हैं। इस बार बिजनौर जिले में करीब 40,000 हेक्टेयर क्षेत्र में ट्रेंच विधि से गन्ना बोने का लक्ष्य तय किया गया है।
क्या है ट्रेंच विधि?
ट्रेंच विधि में खेतों में गहरी और सीधी खाइयां (trenches) बनाई जाती हैं, जिनमें गन्ने की कतारबद्ध बुवाई की जाती है। इस तकनीक से पौधों को भरपूर जगह, नमी और पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे उनकी बढ़वार बेहतर होती है और पैदावार भी बढ़ती है।
ट्रेंच विधि से कैसे बढ़ेगी गन्ने की पैदावार?
- ट्रेंच विधि से गन्ने की उपज लगभग 100 क्विंटल प्रति बीघा तक बढ़ सकती है।
- गन्ने के साथ अंतरवर्ती फसलें लेकर अतिरिक्त कमाई की जा सकती है।
- मिट्टी की उपजाऊ शक्ति लंबे समय तक बनी रहती है।
- पानी की बचत होती है और सिंचाई बेहतर तरीके से होती है।
- पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं, जिससे फसल स्वस्थ रहती है।
गुलदार से भी मिलेगी सुरक्षा
बिजनौर जिले में गुलदारों की संख्या 400 से ज्यादा बताई जा रही है। ये जंगली जानवर अकसर गन्ने के घने खेतों में छिपकर किसानों पर हमला कर देते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2023 से अब तक गुलदार के हमलों में 35 लोगों की जान जा चुकी है।
लेकिन ट्रेंच विधि अपनाने से इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है:
- खेत ज्यादा साफ-सुथरे और व्यवस्थित रहते हैं।
- गन्ने की कतारें गहरी होती हैं, जिससे गुलदार छिप नहीं पाते।
- किसान दूर से ही किसी भी जंगली जानवर को देखकर सतर्क हो सकते हैं।
किसानों को किया जा रहा जागरूक
जिला गन्ना अधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि इस साल बारिश के कारण गन्ने की बुवाई थोड़ी कम हुई है, लेकिन सितंबर से अक्टूबर के बीच करीब 350 हेक्टेयर क्षेत्र में ट्रेंच विधि से गन्ना बोया जा चुका है। उन्होंने बताया कि किसानों को इस तकनीक के फायदे समझाए जा रहे हैं, और इसकी सफलता को देखते हुए फरवरी से इसे बड़े पैमाने पर लागू करने की योजना है।
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