Marigold flower : गेंदा भारत में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले फूलों में से एक है। कई फूल हमारे जीवन में पूजा, परंपरा और सेहत से जुड़ी चीज़ों में काम आते हैं। ऐसा ही एक फूल है गेंदा, जिसे हम बचपन से जानते हैं और पूजा-पाठ से लेकर सजावट तक हर जगह इस्तेमाल करते हैं।
इससे कई प्रोडक्ट बनाने और सजावट में भी इस्तेमाल इसका किया जाता है. इसकी खेती पूरे साल बहुत ही आसानी से की जा सकती है. वहीं, मंडियों में पूरे साल इसकी मांग बनी रहती है. किसान इसकी खेती करके अच्छी कमाई भी करते हैं.
गेंदा फूल की पहचान
गेंदा एक आम लेकिन खास फूल है, जो आमतौर पर नारंगी और पीले रंग में मिलता है। इसकी खुशबू हल्की होती है, लेकिन इसकी चमकीली पंखुड़ियाँ दूर से ही लोगों का ध्यान खींच लेती हैं।
गेंदे के पौधे की खासियत
गेंदा का फूल अपनी मजबूती और सजावट की खूबसूरती के लिए जाना जाता है। गेंदा का फूल साल भर फूल देता रहता है, जिससे किसानों को लगातार लाभ मिलता है। गेंदा कम पानी में भी आसानी से उग जाता है, इसलिए यह सूखे और बारिश दोनों मौसमों में अच्छी तरह फलता-फूलता है। यह कई तरह की मिट्टियों में बढ़ सकता है, जिससे इसकी खेती लगभग हर इलाके में संभव है। गेंदा का फूल पूजा के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और सजावट में भी खूब इस्तेमाल किए जाते हैं। मंडियों में इसकी मांग साल भर बनी रहती है, जिससे किसान इसकी खेती से अच्छी कमाई कर सकते हैं।
गेंदे की कैसे करें खेती
गेंदे की खेती के लिए हल्की और ऐसी मिट्टी ले, जिसमें पानी रुके नहीं। मिट्टी में से पानी जल्दी निकल जाना चाहिये। खेती के लिए खेत को गहरी जुताई करें। बीजों को पहले साफ कर के कुछ दिन भिगोकर अंकुरित करना चाहिए। शुरुआत में पौधों को नियमित पानी देना जरूरी होता है खेती के लिए खेत में जैविक खाद जैसे गोबर की खाद डालना फायदेमंद रहता है। पौधे लगने के 3-4 महीने बाद फूल आने लगते हैं।
गमले में कैसे लगाएं गेंदा
गमले में लगाने के लिए कम से कम 12-15 इंच गहरा और चौड़ा गमला ताकि पौधे की जड़ें अच्छी तरह फैल सकें। गमले की मिट्टी में एक छोटा गड्ढा बनाकर पौधे को सावधानी से लगाएं और मिट्टी हल्के से दबाएं।पौधा लगाने के बाद पानी दें और मिट्टी को नम रखें और जगह रखें जहां दिन में 5-6 घंटे धूप मिले। हर 1-2 महीने में जैविक खाद डालें और नियमित पानी दें।
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