Menu

Follow Us

बाजरे की फसल पर बाल वाली सुंडी का प्रकोप

बाल वाली सुंडी का कहर: बाजरा की फसल को बचाने के लिए जरूरी कदम

Ashish Chouhan 2 months ago 0 3

खरीफ सीजन की शुरुआत के साथ ही देशभर के किसान खेतों में जुट गए हैं। इस मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों में से एक है बाजरा, जिसे कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसल माना जाता है। लेकिन इस बार मानसून की लगातार बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कई राज्यों के किसानों को बाजरे की फसल पर बाल वाली सुंडी (Hairy Caterpillar) के हमले का सामना करना पड़ रहा है। यह कीट पौधे की पत्तियों और बालियों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे फसल की उपज घटने का खतरा बढ़ गया है। 

क्या है बाल वाली सुंडी?

बालों वाली सुंडी (Hairy Caterpillar) एक खतरनाक कीट है जो खास तौर पर बाजरा और कुछ अन्य खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचाती है। यह कीट अपने शरीर पर छोटे-छोटे बालों के कारण पहचाना जाता है। यह पत्तियों को खाकर उनमें छोटे-छोटे छेद कर देता है, जिससे पत्तियाँ जालीदार, कमजोर और पीली हो जाती हैं।

कैसे पहचानें बाल वाली सुंडी का हमला?

  • बालों वाली सुंडी काली रंग की होती है। 
  • यह पौधों की पत्तियों पर अकेले घूमती है। 
  • पत्तियों को खाकर उनमें छेद कर देती है।  
  • पत्तियाँ जालीदार और कमजोर दिखने लगती हैं। 
  • धीरे-धीरे पीली या भूरी होकर सूख जाती हैं। 
  • पौधे की ग्रोथ रुक जाती है, उत्पादन में गिरावट आती है। 

कीटनाशकों से करें असरदार नियंत्रण

अगर आपके खेत में बाल वाली सुंडी दिखे तो जल्दी से कीटनाशक छिड़कें। इसके लिए आप क्विनालफास या मोनोक्रोटोफास का इस्तेमाल कर सकते हैं। बस 250 मिलीलीटर दवा को पानी में मिलाकर खेत में छिड़काव करें। अगर आप रासायनिक दवाइयां नहीं लगाना चाहते, तो नीम का तेल या थोड़ा सा डिटर्जेंट (सर्फ) पानी में मिलाकर छिड़काव करें। ये दोनों तरीका आसान और सस्ता भी है। ध्यान रखें कि छिड़काव सुबह जल्दी या शाम को करें, जब सूरज की तेज़ रोशनी न हो। इससे दवा अच्छा असर करेगी और आपकी फसल भी सुरक्षित रहेगी। 

आसान और सस्ते घरेलू उपाय

  • बाल वाली सुंडी रोशनी की ओर आकर्षित होती है।
  • बारिश के बाद खेत में 1-2 लाइट ट्रैप लगाएं।
  • जिस पत्ती पर सुंडी हो, उसे तोड़कर मिट्टी में गाड़ दें या मिट्टी के तेल में डालकर नष्ट करें।
  • प्रति एकड़ 5 फेरोमोन ट्रैप लगाकर कीट की निगरानी करें ताकि संक्रमण का पता जल्दी चले।

और ये भी पढ़े:- मिट्टी के प्रकार: भारत में मिट्टी के प्रमुख प्रकार और उनकी विशेषताएँ

Written By

Leave a Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *