केले की खेती करने वाले किसानों के लिए “गुच्छशीर्ष रोग” (Banana Bunchy Top Disease) एक गंभीर सिरदर्द बन चुका है।यह वायरस से फैलने वाली बीमारी अगर समय रहते न रोकी जाए, तो पूरी फसल को तबाह कर सकती है।इसका कारण ‘केला वायरस-1’ (Banana Bunchy Top Virus – BBTV) है, जो देश के कई इलाकों में तेजी से फैल रहा है।
गुच्छशीर्ष रोग क्या है?
- यह रोग केले की बढ़वार को रोक देता है, जिससे पौधे बौने और कमजोर रह जाते हैं।
- पत्तियाँ ऊपर की ओर गुच्छे की तरह सिमट जाती हैं, और पौधा फल देना बंद कर देता है।
- अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो पूरी फसल बरबाद हो सकती है।
गुच्छशीर्ष रोग के मुख्य लक्षण
- पौधे के ऊपरी भाग पर पत्तियाँ एक जगह सिमटकर गुच्छे की तरह दिखाई देती हैं, इसी वजह से इसे “गुच्छशीर्ष” कहा जाता है।
- पौधे सामान्य ऊँचाई तक नहीं बढ़ते और अधिकतर 60 सेंटीमीटर के आसपास रुक जाते हैं।
- प्रभावित पौधों में फल नहीं लगते, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है।
- यह रोग किसी भी अवस्था में दिखाई दे सकता है, लेकिन आमतौर पर नवीन (young) पौधों में इसके लक्षण जल्दी नजर आते हैं।
रोग से बचाव और नियंत्रण कैसे करें?
- बीमार पौधों को खेत से उखाड़कर जला दें या नष्ट करें।
- इससे बीमारी बाकी पौधों तक नहीं फैलती है।
- मेटासिसटॉक्स (Metasystox) दवा – 0.1% से 0.5% घोल बनाकर सभी पौधों पर कीटनाशक दवा का छिड़काव करें।
- यह दवा एक ही दिन, सभी आस-पास के किसानों को मिलकर छिड़कनी चाहिए।
- ऐसा करने से कीड़े इधर-उधर नहीं भागेंगे और पूरी तरह खत्म होंगे।
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