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गुच्छशीर्ष रोग से प्रभावित केले का पौधा जिसमें पत्तियाँ ऊपर की ओर गुच्छे की तरह सिमटी हुई हैं

गुच्छशीर्ष रोग से कैसे बचाएं केले की फसल? जानिए उपाय

Ashish Chouhan 1 month ago 0 3

केले की खेती करने वाले किसानों के लिए “गुच्छशीर्ष रोग” (Banana Bunchy Top Disease) एक गंभीर सिरदर्द बन चुका है।यह वायरस से फैलने वाली बीमारी अगर समय रहते न रोकी जाए, तो पूरी फसल को तबाह कर सकती है।इसका कारण ‘केला वायरस-1’ (Banana Bunchy Top Virus – BBTV) है, जो देश के कई इलाकों में तेजी से फैल रहा है। 

गुच्छशीर्ष रोग क्या है?

  • यह रोग केले की बढ़वार को रोक देता है, जिससे पौधे बौने और कमजोर रह जाते हैं।
  • पत्तियाँ ऊपर की ओर गुच्छे की तरह सिमट जाती हैं, और पौधा फल देना बंद कर देता है।
  • अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो पूरी फसल बरबाद हो सकती है।

गुच्छशीर्ष रोग के मुख्य लक्षण

  • पौधे के ऊपरी भाग पर पत्तियाँ एक जगह सिमटकर गुच्छे की तरह दिखाई देती हैं, इसी वजह से इसे “गुच्छशीर्ष” कहा जाता है।
  • पौधे सामान्य ऊँचाई तक नहीं बढ़ते और अधिकतर 60 सेंटीमीटर के आसपास रुक जाते हैं।
  • प्रभावित पौधों में फल नहीं लगते, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है।
  • यह रोग किसी भी अवस्था में दिखाई दे सकता है, लेकिन आमतौर पर नवीन (young) पौधों में इसके लक्षण जल्दी नजर आते हैं।

रोग से बचाव और नियंत्रण कैसे करें?

  • बीमार पौधों को खेत से उखाड़कर जला दें या नष्ट करें।
  • इससे बीमारी बाकी पौधों तक नहीं फैलती है। 
  • मेटासिसटॉक्स (Metasystox) दवा – 0.1% से 0.5% घोल बनाकर सभी पौधों पर कीटनाशक दवा का छिड़काव करें।
  • यह दवा एक ही दिन, सभी आस-पास के किसानों को मिलकर छिड़कनी चाहिए।
  • ऐसा करने से कीड़े इधर-उधर नहीं भागेंगे और पूरी तरह खत्म होंगे।

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