Digital Kisan ID: अब सरकार किसानों के लिए एक खास डिजिटल पहचान पत्र (Farmer ID) तैयार कर रही है, जिससे खेती से जुड़ी कई योजनाओं का फायदा लेना पहले से आसान हो गया है। इस पहल का नाम है डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन, और इसका मकसद है खेती को डिजिटल और स्मार्ट बनाना।
डिजिटल किसान आईडी क्या है?
इस आईडी एक खास पहचान नंबर है जो हर किसान को मिलेगा। इसमें किसान का नाम, उसकी उम्र, पता जैसी बेसिक जानकारी होती है। साथ ही, किसान के पास कितनी जमीन है, वह कहां है, उसमें कौन-सी फसल बोई गई है ये सारी बातें भी जुड़ी होती हैं। इसके अलावा, किसान को कौन-कौन सी सरकारी योजनाओं का फायदा मिल रहा है, उसकी भी पूरी जानकारी इसमें शामिल होगी। इस सबका मकसद ये है कि सरकार की हर योजना और सुविधा सीधे, जल्दी और सही तरीके से किसानों तक पहुंच सके।
डिजिटल किसान आईडी के मुख्य फायदे
- PM किसान योजना का पैसा सीधा खाते में
- फसल बीमा योजना (PMFBY) का क्लेम जल्दी और सही तरीके से
- एग्री लोन जल्दी पास, कागजों का झंझट कम
- मिट्टी का हेल्थ कार्ड, जिससे पता चलता है कि खेत को कौन-सा उर्वरक चाहिए।
कहां तक पहुँची है योजना?
सरकार अब तक करीब 7 करोड़ किसानों की डिजिटल आईडी बना चुकी है। लक्ष्य है कि 2027 तक 11 करोड़ किसानों को ये सुविधा मिल जाए, जिससे हर किसान को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे और सही तरीके से मिले।
सबसे आगे हैं ये राज्य
- उत्तर प्रदेश – 1.4 करोड़ किसान
- महाराष्ट्र – 1.1 करोड़
- मध्य प्रदेश – 87 लाख
- राजस्थान – 78 लाख
- गुजरात – 56 लाख
- आंध्र प्रदेश – 45 लाख
- कर्नाटक – 45 लाख
- तमिलनाडु – 31 लाख
- तेलंगाना – 31 लाख
और क्या फायदा होगा?
डिजिटल फसल सर्वेक्षण (DCS) की मदद से सरकार ये देख पा रही है कि किसान ने सच में वही फसल उगाई है, जिसके लिए उसने लोन या बीमा लिया था। इससे जो गलत या झूठे दावे होते थे, वो रुकेंगे। जिससे ईमानदार किसानों को फायदा जल्दी और सही तरीके से मिलेगा। इसका मतलब है कि मदद सीधे उन तक पहुंचेगी जिन्हें वाकई जरूरत है।
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