भारत में केसर को “लाल सोना” कहा जाता है, लेकिन आज जिस खुशबू और शुद्धता के लिए यह मशहूर है, उसमें अब मिलावट का खतरा लगातार बढ़ रहा है। लाखों रुपये किलो में बिकने वाली केसर में नकली धागों और रंगों की मिलावट की खबरें आम होती जा रही हैं।
हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बॉयो रिसोर्स टेक्नोलॉजी (IHBT) के वैज्ञानिकों का कहना है कि आजकल महंगी कश्मीरी केसर में मिलावट की जा रही है।
Adulteration in Kashmiri Saffron: केसर एक ऐसा मसाला है जो दुनिया में सबसे महंगा माना जाता है। भारत में इसकी खेती केवल कश्मीर में होती है और इसकी कीमत डेढ़ से तीन लाख रुपये प्रति किलो तक होती है। कश्मीर की केसर अपनी बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जानी जाती है और इसलिए इसका इस्तेमाल दवाइयां बनाने में भी किया जाता है। लेकिन अब केसर में भी मिलावट की जा रही है, जिससे इसकी शुद्धता पर सवाल उठ रहे हैं। आम लोगों के लिए असली और नकली केसर में फर्क करना थोड़ा मुश्किल होता है। मगर वैज्ञानिकों के अनुसार, कुछ आसान तरीकों से मिलावट को पहचाना जा सकता है।
कैसे करें असली और नकली केसर की पहचान?
- एक गिलास ठंडे पानी में केसर डालें, असली केसर धीरे-धीरे रंग छोड़ेगी और धागा वैसा ही रहेगा। नकली केसर तुरंत गहरा रंग छोड़ देती है।
- असली केसर की खुशबू हल्की तीखी और मीठी होती है, जबकि नकली में केमिकल जैसी तेज गंध आती है।
- अगर केसर को कागज पर रगड़ने से लाल या पीला रंग फैल जाए, तो वह नकली या मिलावटी हो सकती है।
- असली केसर का स्वाद हल्का कड़वा होता है, जबकि नकली केसर का स्वाद फीका या बिलकुल बिना स्वाद का होता है।
उपभोक्ताओं के लिए चेतावनी:
केसर खरीदते समय मिलावट से सावधान रहें। केवल भरोसेमंद दुकानों से ही असली केसर लें और ऊपर बताए गए आसान तरीकों से उसकी शुद्धता जरूर जांचें। नकली केसर से आपकी सेहत और पैसा दोनों प्रभावित हो सकते हैं।
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