मछली का तालाब (Fish Pond): बरसात के मौसम में तालाब का पानी गंदा हो सकता है और उसका संतुलन भी बिगड़ सकता है, जिससे मछलियों को बीमारी लग सकती है। ऐसे समय में अगर तालाब में सही मात्रा में चूना और गोबर डाला जाए, तो पानी साफ रहता है और मछलियों को नुकसान नहीं होता। यह बैक्टीरिया को भी कम करता है। बरसात में ये आसान उपाय अपनाकर किसान मछली का उत्पादन और कमाई दोनों बढ़ा सकते हैं।
मछली का तालाब (Fish Pond): तालाब में पलने वाली मछलियों के लिए यह जरूरी है कि वे जल्दी और अच्छी तरह से बढ़ें। जब मछलियां जल्दी बढ़ती हैं, तो बाजार में उनके अच्छे दाम मिलते हैं। फीड (चारा) मछलियों की ग्रोथ के लिए जरूरी है और दवाइयों से वे स्वस्थ रहती हैं। लेकिन सिर्फ फीड और दवाइयां ही काफी नहीं होतीं। मछलियों की अच्छी ग्रोथ के लिए तालाब और उसका पानी भी साफ और बिना प्रदूषण वाला होना चाहिए। इसलिए चूना और गोबर का इस्तेमाल भी जरूरी होता है। मछली पालन के विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर तालाब का पानी साफ और स्वस्थ रहेगा, तो मछलियों की बढ़वार और भी अच्छी होगी।
नर्सरी और बड़ी मछलियों के तालाब की देखभाल के आसान तरीके-
- जब तालाब के पानी का रंग हरा हो जाए, तो चूना और गोबर डालना 15 दिन से 1 महीने तक बंद कर दें।
- बरसात में जब ज्यादा बारिश हो, तो 15 से 20 किलो चूना पानी में घोलकर हर एकड़ तालाब में डालें।
- हर एकड़ तालाब में एक से दो हजार किलो गोबर और 50 किलो चूना डालें।
- दोबारा तैयार हो रहे नर्सरी तालाब में गोबर और चूना डालने के बाद एक फुट गहरा पानी भर दें।
- पांच से सात दिन बाद तालाब में पानी पांच फुट तक भर दें।
- बीज को ले जाते समय हमेशा ठंडी जगह या ठंडे वातावरण में रखें।
- खरपतवार हटाने के लिए, एक एकड़ तालाब में तीन किलो 2-4D दवा डालें।
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