अगर आप किचन गार्डनिंग का शौक रखते हैं और चाहते हैं कि आपके खाने में स्वाद के साथ सेहत भी जुड़ी हो, तो मरुआ का पौधा (Marjoram) आपके लिए एकदम परफेक्ट है। यह सिर्फ एक खुशबूदार हर्ब ही नहीं, बल्कि घर में उगाई जा सकने वाली छोटी-सी औषधालय है।
मरुआ क्या है और क्यों है खास?
यह एक सुगंधित औषधीय पौधा है, जिसे अंग्रेज़ी में Marjoram कहा जाता है।यह पौधा जल्दी विकसित होता है और इसकी पत्तियां कुछ ही दिनों में उपयोग लायक हो जाती हैं। यह तुलसी या पुदीना की तरह छोटा लेकिन शक्तिशाली पौधा होता है, जो स्वास्थ्य लाभों के कारण किचन गार्डन में बहुत पसंद किया जाता है।
मरुआ के सेहतमंद फायदे
पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है
- मरुआ की पत्तियों से बनी चटनी अपच, गैस और भूख की कमी में फायदेमंद होती है।
- नियमित सेवन से पाचन क्रिया मजबूत होती है।
सिरदर्द और माइग्रेन में राहत
- मरुआ की पत्तियों का रस या लेप माइग्रेन और सिरदर्द के लिए एक बेहतरीन घरेलू इलाज है।
- माथे पर पत्तियों का लेप लगाने से ठंडक मिलती है और तनाव भी कम होता है।
सर्दी-जुकाम में असरदार
- इसकी पत्तियों से बना काढ़ा या चाय पीने से सर्दी, खांसी और गले की खराश में राहत मिलती है।
- यह प्राकृतिक एंटीसेप्टिक की तरह काम करता है।
कैसे उगाएं मरुआ का पौधा
- गमले का चुनाव – मध्यम आकार का गमला लें जिसमें निकासी के लिए छेद हो।
- मिट्टी तैयार करें – उपजाऊ मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट मिलाएं।
- बीज या कटिंग – मरुआ के बीज या किसी पौधे की कटिंग डालें।
- पानी देना – मिट्टी को नमीदार रखें लेकिन जलभराव से बचाएं।
- धूप – दिन में 4-5 घंटे की सीधी धूप मिले तो पौधा अच्छा बढ़ता है। गर्मियों में हल्की छांव देना बेहतर है।
- अंकुरण समय – बीज बोने के 7 से 10 दिन में पौधा अंकुरित हो जाता है।
मरुआ का पौधा हर घर क्यों ज़रूरी है
- छोटा है, लेकिन काम बड़ा करता है।
- बच्चों से बुजुर्गों तक सभी के लिए फायदेमंद।
- सस्ता, टिकाऊ और हर्बल विकल्प ना केमिकल, ना साइड इफेक्ट।
- हर सुबह ताजे पत्ते तोड़ें और स्वाद के साथ सेहत भी घर लाएं।
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