बरसात में गार्डनिंग टिप्स: बरसात का मौसम पेड़-पौधों के लिए वरदान भी है और चुनौती भी। एक तरफ पौधों को प्राकृतिक पानी मिलता है, वहीं दूसरी ओर ज्यादा नमी और रोशनी की कमी से फंगस, कीट और सड़न का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप भी घर के गार्डन या किचन गार्डन में पौधे लगाते हैं, तो बरसात में इनका सही तरीके से ध्यान रखना जरूरी है।
यहाँ हम आपके लिए लाए हैं 5 आसान गार्डनिंग टिप्स, जो आपके पौधों को इस नमी भरे मौसम में स्वस्थ और हरा-भरा बनाए रखेंगे:
जरूरत के अनुसार ही पानी दें
- बरसात में अधिकतर पौधों को अलग से पानी देने की जरूरत नहीं होती।
- मिट्टी की ऊपरी परत सूखने पर ही हल्का पानी दें।
- गमलों में ड्रेनेज होल यानी जल निकासी का इंतज़ाम ज़रूरी है ताकि पानी जमा न हो और जड़ों में सड़न न आए।
फंगस और कीटों से रखें सावधान
- नमी बढ़ने से फंगल इंफेक्शन और कीट हमले आम हो जाते हैं।
- नीम के तेल और गुनगुने पानी का घोल बनाकर पत्तियों पर स्प्रे करें
- रोगग्रस्त पत्तियाँ तुरंत काटकर हटा दें और आसपास सफाई रखें।
प्राकृतिक रोशनी देना है ज़रूरी
- बारिश के कारण अक्सर धूप नहीं निकलती, जिससे पौधों की ग्रोथ धीमी हो जाती है।
- पौधों को ऐसी जगह रखें जहाँ सुबह की हल्की धूप और हवा मिलती रहे।
- बालकनी में रखें पौधों को बारिश से थोड़ा बचाकर रखें.
नए पौधे न लगाएं अभी
- बरसात के मौसम में नई रोपाई या कटिंग लगाने से बचें।
- इस समय नमी और अधिक पानी से नए पौधे जल्दी खराब हो सकते हैं।
- सिर्फ मौजूदा पौधों की देखभाल पर ध्यान दें।
पौधों को दें पर्याप्त पोषण
- बरसात में पानी के साथ पोषक तत्व भी बह जाते हैं।
- मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट या घर की बनी जैविक खाद मिलाएं।
- इससे पौधों को जरूरी नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम और सूक्ष्म तत्व मिलते हैं।
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