पालक, एक हरी पत्तेदार सब्जी, जिसे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है अब किसानों के लिए भी अच्छी आमदनी का जरिया बनती जा रही है। खासकर सितंबर का महीना, पालक की खेती शुरू करने के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है।
बारिश का मौसम अब खत्म होने को है और ज़मीन में पर्याप्त नमी बनी रहती है, जिससे बीजों का अंकुरण तेज़ होता है और फसल कम समय में तैयार हो जाती है। यही कारण है कि इस समय पालक की खेती करना किसानों के लिए एक स्मार्ट और लाभकारी विकल्प है।
पालक की खेती क्यों है फायदेमंद?
- कम लागत में शुरू की जा सकती है।
- 30–40 दिनों में फसल तैयार हो जाती है।
- बाजार में सालभर मांग बनी रहती है।
- पौष्टिक तत्वों से भरपूर – आयरन, कैल्शियम, विटामिन्स का अच्छा स्रोत।
- एक बार बुवाई के बाद 2–3 बार कटाई संभव।
- जल्दी बिकने वाली फसल, नकद आमदनी तुरंत।
- सेहत भी, मुनाफा भी – दोनों का फायदा।
पालक की खेती की तैयारी और बीज बुवाई कैसे करें?
- खेत की जुताई कर, मिट्टी को भुरभुरा और समतल बनाएं।
- दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है।
- सितंबर माह में बुवाई करें।
- कतारों में बीज बोएं, सीधी रेखा में बुवाई से देखभाल और कटाई आसान होती है।
- बुवाई के बाद हल्की सिंचाई करें ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे।
खाद और सिंचाई की सही तकनीक
- बुवाई से पहले सड़ी हुई गोबर की खाद मिट्टी में अच्छी तरह मिलाएं।
- फसल बढ़ने पर संतुलित मात्रा में यूरिया और पोटाश का प्रयोग करें।
- खेत में जलभराव न होने दें, पानी की निकासी अच्छी हो।
- सिंचाई मौसम के अनुसार करें, लेकिन मिट्टी में नमी बनी रहनी चाहिए।
फसल कटाई और मुनाफा
- बुवाई के 25–30 दिन बाद पहली कटाई की जा सकती है
- इसके बाद हर 15–20 दिन में दोबारा कटाई संभव
- एक हेक्टेयर में अच्छी देखरेख के साथ 60,000 से 80,000 रुपये तक की कमाई की जा सकती है।
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