PM-KISAN 21वीं किस्त: जम्मू-कश्मीर के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की 21वीं किस्त के तहत केंद्र सरकार ने 171 करोड़ रुपये की अग्रिम सहायता राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की है।
हाल ही में बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रदेश के कई किसान बुरी तरह प्रभावित हुए थे। ऐसे कठिन समय में यह आर्थिक मदद उनके लिए संबल बनी है। सरकार का यह कदम साफ दर्शाता है कि जब भी देश का अन्नदाता संकट में होता है, तो केंद्र सरकार उसके साथ मजबूती से खड़ी रहती है।
किसानों को राहत: 8.55 लाख लाभार्थियों को मिले 171 करोड़ रुपये
- केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहायता राशि जारी की।
- कुल 8.55 लाख किसानों को इस योजना का लाभ मिला।
- इनमें 85,418 महिला किसान भी शामिल हैं।
- किसानों को कुल ₹171 करोड़ की राशि ट्रांसफर की गई।
- अब तक जम्मू-कश्मीर को ₹4,052 करोड़ की सहायता मिल चुकी है।
- इस कार्यक्रम में डॉ. जितेंद्र सिंह, डॉ. देवेश चतुर्वेदी, डॉ. मांगी लाल जाट और श्री जावेद अहमद डार भी वर्चुअली जुड़े।
आपदा से प्रभावित किसानों के लिए सरकार की विशेष योजनाएं
- 5100 क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए ₹85.62 करोड़ की मंजूरी पीएम आवास योजना के तहत मिली।
- शौचालय निर्माण और मनरेगा से अतिरिक्त सहायता भी प्रदान की जाएगी।
- मनरेगा के तहत 150 दिन की मजदूरी आपदा प्रभावित परिवारों को दी जाएगी।
- खेती-बाड़ी दोबारा शुरू करने के लिए बीज, खाद और अन्य सामग्री की मदद दी जाएगी।
- यह मदद राज्य सरकार और कृषि मंत्रालय मिलकर सुनिश्चित करेंगे।
- ‘जिसका खेत, उसकी रेत’ नीति के तहत किसानों को रेत बेचने की अनुमति दी जाएगी।
- एनडीआरएफ और फसल बीमा योजना के अंतर्गत भी राहत राशि दी जाएगी।
- राहत की राशि राज्य सरकार के प्रस्ताव के अनुसार जारी की जाएगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना से क्षतिग्रस्त घरों को मिलेगा नया जीवन
हाल की प्राकृतिक आपदाओं में कई किसानों के घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ऐसे समय में केंद्र सरकार ने उन्हें अकेला नहीं छोड़ा। अब प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (PMAY-G) के तहत इन किसानों को घर के पुनर्निर्माण में मदद दी जा रही है।
- नए घर के निर्माण के लिए आर्थिक सहयोग दिया जाता है।
- हर घर में शौचालय की सुविधा भी सुनिश्चित की जाती है।
- स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसर भी दिए जा रहे हैं।
- यानी, यह योजना सिर्फ छत नहीं, बल्कि स्वच्छता और आजीविका का भी ध्यान रखती है।
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