पंजाब बाढ़ 2025: किसानों को ₹20,000 प्रति एकड़ का रिकॉर्ड मुआवजा
पंजाब बाढ़ 2025 मुआवजा: जुलाई-अगस्त 2025 में आई भीषण बाढ़ ने पंजाब में जबरदस्त तबाही मचाई। पूरे राज्य के 20 जिले प्रभावित हुए और 10 लाख एकड़ से अधिक फसलें बर्बाद हो गईं। सरसों, धान, सब्जियां और फल – सब कुछ पानी में डूब गया। इस प्राकृतिक आपदा में करीब 1,500 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ और 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई, साथ ही हजारों परिवार बेघर हो गए।
सबसे ज्यादा प्रभावित जिले:
- मंडी
- कपूरथला
- जालंधर
- तरन तारन
बर्बादी के बीच उम्मीद की किरण – सरकार का राहत पैकेज
जहां किसान पूरी तरह टूट चुके थे, वहीं पंजाब सरकार ने एक ऐतिहासिक राहत पैकेज की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री भगवंत मान का बड़ा कदम:
- 13 अक्टूबर 2025, चंडीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में
- प्रति एकड़ ₹20,000 की दर से मुआवजा चेक वितरित किए गए
- यह किसी भी राज्य में अब तक का सबसे तेज और सबसे अधिक दर वाला मुआवजा है
- वादा किया और एक महीने के अंदर निभाया – ये सरकार की ईमानदारी और तत्परता का उदाहरण है
मुआवजे की प्रक्रिया: पारदर्शिता और स्पीड
फसल नुकसान का सर्वे और भुगतान प्रक्रिया
- 11 सितंबर को विशेष गिरदावरी का ऐलान
- 45 दिनों में सर्वे पूरा करने का लक्ष्य
- 2,508 गांवों में फसलें बर्बाद
- 3.5 लाख एकड़ खेती योग्य जमीन पूरी तरह डूबी
- मुआवजे की राशि सीधे बैंक खातों में भेजी गई – बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं
सिर्फ फसल नहीं, घर और मवेशियों का भी नुकसान पूरा किया गया
घरों का सर्वे और सहायता
- 30,806 घरों का सर्वे पूरा
- आंशिक नुकसान वाले घरों का मुआवजा ₹6,500 से बढ़ाकर ₹40,000
- जिन परिवारों ने अपने परिजनों को खोया, उन्हें ₹4 लाख की सहायता
पशुधन और पोल्ट्री का मुआवजा भी शामिल
- मवेशियों और पोल्ट्री के नुकसान का भी मुआवजा तय
पंजाब सरकार का संदेश साफ है:
“किसान संकट में हैं, तो सरकार उनके साथ है — बिना देरी, बिना बहाने।”
दिवाली से पहले किसानों को मिला मुआवजा सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि टूटे हुए भरोसे को जोड़ने की एक ईमानदार कोशिश भी है।
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