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कम दाम में टमाटर और लहसुन बेचते किसान, चेहरे पर निराशा

टमाटर और लहसुन की कीमतों में गिरावट से किसानों को बड़ा नुकसान

Ashish Chouhan 1 month ago 0 4

तमिलनाडु और केरल से रिपोर्ट | दक्षिण भारत के किसानों को इस समय सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट से भारी आर्थिक झटका लग रहा है। टमाटर और लहसुन – दोनों ही फसलें जिनसे अक्सर अच्छा मुनाफा होता है, इन दिनों लागत भी नहीं निकाल पा रही हैं।

टमाटर और लहसुन की कीमतों में गिरावट

टमाटर: 40 से घटकर 15 रुपये किलो, किसान बेचने को मजबूर

तमिलनाडु के इरोड जिले में टमाटर की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है।

  • थोक भाव घटकर 15–20 रुपये/किलो रह गए हैं
  • 2 हफ्ते पहले तक यही टमाटर 40 रुपये/किलो बिक रहा था
  • इरोड की नेताजी डेली वेजिटेबल एंड फ्रूट मार्केट में अब

कीमत कम, आवक ज़्यादा = नुकसान ही नुकसान

इस भारी आवक की वजह से:

  • टमाटर की कीमतें 16 रुपये प्रति किलो से भी नीचे चली गई हैं
  • किसानों की परिवहन, मजदूरी और पैकिंग की लागत भी पूरी नहीं हो पा रही
  • मध्यवर्गीय और छोटे किसान सबसे ज़्यादा संकट में हैं

व्यापारियों का अनुमान है कि आने वाले 3–5 हफ्तों तक कीमतें और गिर सकती हैं, हालांकि त्योहारी सीजन में थोड़ी राहत की उम्मीद है।

लहसुन भी नहीं रहा ‘सफेद सोना’, 600 से गिरकर 50 रुपये किलो

केरल के इडुक्की जिले के कंथल्लूर और वट्टावाडा जैसे इलाकों में पारंपरिक किस्म के लहसुन की खेती होती है। यह लहसुन:

  • पिछले साल 400–600 रुपये प्रति किलो बिक रहा था
  • अब गिरकर 50–80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है

किसानों की मुश्किलें – लागत भी नहीं निकल रही, ऊपर से कर्ज का बोझ

आज की तारीख़ में किसान खासकर टमाटर और लहसुन की खेती करने वाले, बहुत बड़ी परेशानी से जूझ रहे हैं। इन फसलों में बीज, खाद, पानी, ट्रांसपोर्ट, और मजदूरी पर अच्छा-खासा खर्च होता है। लेकिन जब उपज बेचने का समय आता है, तो बिक्री का दाम लागत से भी कम मिल रहा है।

इसका नतीजा ये है कि:

  • कई किसान कर्ज में डूबते जा रहे हैं
  • मजबूरी में उन्हें अपनी मेहनत की फसल औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ रही है। 
  • खेती में कभी मुनाफा होता है, कभी भारी नुकसान, कोई स्थायित्व नहीं है। 

और ये भी पढ़े:- प्याज की गिरती कीमतें पर किसानों का विरोध | नासिक में आंदोलन

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