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तुलसी का पौधा सितंबर महीने में हरा-भरा और स्वस्थ दिख रहा है, जिसमें सूरज की रोशनी और अच्छी मिट्टी नजर आ रही है।

सितंबर में तुलसी की देखभाल: पौधे को स्वस्थ और हरा-भरा रखने के टिप्स

Ashish Chouhan 1 month ago 0 4

सितंबर में तुलसी: हमारे घरों में जो तुलसी का पौधा होता है, वो सिर्फ एक पौधा नहीं होता। ये हमारी आस्था, परंपरा और प्रकृति से जुड़ा एक खास हिस्सा होता है। लोग इसे पूजा में इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इसके फायदे सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सेहत से भी जुड़े हैं। सर्दी-खांसी हो या पाचन की दिक्कत तुलसी हर जगह काम आती है।

क्यों खास है सितंबर का महीना?

अब बात करते हैं सितंबर महीने की। ये वक्त तुलसी के लिए थोड़ा मुश्किल होता है। मौसम में अचानक बदलाव होने लगते हैं कभी बारिश, कभी धूप, कभी नमी ज़्यादा। ऐसे में अगर थोड़ा भी ध्यान न रखा जाए, तो तुलसी का पौधा जल्दी खराब हो सकता है। तो आइए जानते हैं सितंबर में इसकी देखभाल के कुछ ज़रूरी टिप्स:

पानी कब और कैसे देना चाहिए?

  • बरसात के बाद मिट्टी में पहले से नमी बनी होती है, ऐसे में रोज़ पानी देना ठीक नहीं होता।
  • तुलसी को तभी पानी दें जब मिट्टी ऊपर से सूखी दिखे।
  • गमले में पानी रुकने से जड़ें सड़ सकती हैं, इसलिए ड्रेनेज अच्छी होनी चाहिए।

धूप और हवा का रखें ख्याल

  • कोशिश करें कि पौधा ऐसी जगह रखा हो जहां सूरज की सीधी रोशनी मिले।
  • हल्की हवा और अच्छा वेंटिलेशन भी तुलसी को स्वस्थ बनाए रखते हैं।
  • गर बादल छाए हों, तो तुलसी को खिड़की या बालकनी के पास रखें ताकि उसे रोशनी मिलती रहे।

मिट्टी की देखभाल है सबसे अहम

  • तुलसी की मिट्टी को हर महीने थोड़ा-सा खोदकर ढीला जरूर करें।
  • इससे जड़ों को हवा और पोषण दोनों आसानी से मिलते हैं।
  • हर महीने एक बार गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालना फायदेमंद होता है।
  • इससे पत्तियां और भी ज्यादा हरी-भरी हो जाती हैं।

कीटों से बचाव जरूरी

  • अगर पत्तियों पर सफेद या काले धब्बे दिखें तो यह संक्रमण का संकेत हो सकता है।
  • नीम का पानी या नीम तेल का छिड़काव करें – यह एक प्राकृतिक और असरदार तरीका है।
  • महीने में 1-2 बार छिड़काव से तुलसी सुरक्षित और स्वस्थ रहती है।

धार्मिक आस्था से जुड़ा है तुलसी का महत्व

हर दिन तुलसी को जल चढ़ाना और दीपक जलाना सिर्फ धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि इससे पौधे को सकारात्मक ऊर्जा और पोषण भी मिलता है। यह वातावरण को शुद्ध करता है और घर में पॉजिटिव वाइब्स बनाए रखता है।

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