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बाज़ार हस्तक्षेप योजना और मूल्य समर्थन योजना (MIS‑PSS) के तहत किसानों को आर्थिक सहायता

MIS-PSS योजना: किसानों की आमदनी में स्थिरता लाने की नई पहल

Ashish Chouhan 2 weeks ago 0 8

बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) और मूल्य समर्थन योजना (PSS) दोनों ही केंद्र सरकार की ऐसी योजनाएं हैं, जिनका मकसद किसानों को उनकी उपज का उचित और सुरक्षित मूल्य दिलाना है। जहां MIS मुख्य रूप से फल और सब्ज़ियों जैसी बागवानी फसलों पर लागू होती है, वहीं PSS का दायरा दलहन, तिलहन और खोपरा जैसी फसलों तक सीमित है। इन योजनाओं के ज़रिए सरकार किसानों की फसलों की सीधी खरीद करती है, ताकि जब बाजार में दाम गिर जाएं, तब भी किसानों को नुकसान न हो और उन्हें उनकी मेहनत का उचित मुआवज़ा मिल सके।

क्या है MIS-PSS?

  1. बाजार हस्तक्षेप योजना (Market Intervention Scheme – MIS): बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) का उद्देश्य किसानों को बागवानी फसलों जैसे फल, सब्ज़ी और दूसरी जल्दी खराब होने वाली उपज की गिरती कीमतों से बचाना है। जब बाजार में इन फसलों के दाम बहुत नीचे चले जाते हैं, तो सरकार किसानों से इनकी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) या तय कीमत पर करती है। इसका मकसद यह है कि किसानों को घाटा न हो और उनकी मेहनत की सही कीमत सुनिश्चित हो सके।
  2. मूल्य समर्थन योजना (Price Support Scheme – PSS): मूल्य समर्थन योजना (PSS) खास तौर पर तिलहन, दलहन और कपास जैसी फसलों के लिए बनाई गई है। जब इन फसलों की बाजार कीमतें गिर जाती हैं, तो सरकार इन्हें किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदती है। इस योजना का उद्देश्य यह है कि किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम लाभकारी मूल्य मिल सके और वे घाटे में न जाएं।

 MIS और PSS योजनाओं के मुख्य बिंदु

  • इन दोनों योजनाओं का उद्देश्य किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाना है।
  • जब बाजार में फसलों के दाम अचानक गिरते हैं, तब ये योजनाएं किसानों को नुकसान से बचाती हैं।
  • PSS योजना के तहत सरकार तिलहन, दलहन और कपास जैसी फसलों की खरीद MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर करती है।
  • MIS योजना मुख्य रूप से फल, सब्ज़ी और जल्दी खराब होने वाली फसलों के लिए है, जिन्हें सरकार तय मूल्य पर खरीदती है।
  • इन योजनाओं का एक अहम उद्देश्य है किसानों की आमदनी में स्थिरता लाना।
  • इससे बाजार में कृषि उत्पादों के दाम संतुलित रहते हैं, और किसान व उपभोक्ता दोनों को लाभ मिलता है।

 MIS और PSS योजनाओं के लाभ

  • किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी मिलती है।
  • बाजार में दाम गिरने पर भी नुकसान नहीं होता।
  • सरकारी एजेंसियां सीधी खरीद करती हैं, जिससे किसान को पारदर्शी भुगतान मिलता है।
  • आमदनी में स्थिरता और भविष्य के लिए भरोसा बढ़ता है।

MIS और PSS दोनों योजनाएं किसानों की फसलों के लिए सही कीमत सुनिश्चित करती हैं और उन्हें आर्थिक मदद व सुरक्षा प्रदान करती हैं। ये योजनाएं किसानों की आमदनी को स्थिर रखने और बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाने में मददगार हैं।

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