मुख्यमंत्री तालाब मत्स्यिकी विकास योजना के तहत मछली पालने वाले किसानों को सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जा रही है। इस योजना में कुल पाँच तरह की श्रेणियां शामिल हैं। इन सभी श्रेणियों में सरकार 50% से 70% तक की सब्सिडी देती है। अगर कोई सामान्य वर्ग का किसान है, तो उसे 50% सब्सिडी मिलेगी। इस योजना का मकसद सिर्फ मछली उत्पादन बढ़ाना ही नहीं है, बल्कि बिहार को मत्स्य बीज उत्पादन में भी आत्मनिर्भर बनाना है। इससे मछली पालन करने वाले लोगों की आमदनी बढ़ेगी और राज्य में मत्स्य उद्योग को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री तालाब मत्स्यिकी विकास योजना का उद्देश्य
- मत्स्य बीज और मछली उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना।
- छोटे और मध्यम स्तर के मछली पालकों को आर्थिक सहायता देना।
- किसानों की आय बढ़ाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना।
तालाब मत्स्यिकी विशेष सहायता योजना के तहत अनुदान
तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना के तहत सरकार रियरिंग तालाब निर्माण, बोरिंग पम्पसेट का अधिष्ठापन, मत्स्य इनपुट, शेड का निर्माण, यांत्रिक एरेटर आदि संबंधित सहायक इकाइयों के पैकेज के लिए अनुदान दे रही है। इस पूरे पैकेज की स्थापना की लागत विभाग की ओर से 10.10 लाख रूपये प्रति एकड़ निर्धारित की गई है। जिस पर लाभार्थी को लागत 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। शेष राशि का वहन लाभार्थी को स्वयं अथवा बैंक ऋण लेकर करना होगा।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की कॉपी
- मत्स्य किसान प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
तालाब मत्स्यिकी विशेष सहायता योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
सबसे पहले किसान को बिहार सरकार की मत्स्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट fisheries.bihar.gov.in पर जाना होता है। वहां “तालाब मत्स्यिकी विशेष सहायता योजना” का विकल्प दिखाई देगा, जिस पर क्लिक कर आवेदन प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। किसान को ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरना होता है जिसमें व्यक्तिगत जानकारी, भूमि विवरण और बैंक से जुड़ी जानकारी मांगी जाती है। इसके साथ ही आधार कार्ड, जमीन के कागजात, बैंक पासबुक की कॉपी, तालाब का नक्शा या फोटो जैसे ज़रूरी दस्तावेज़ भी अपलोड करने होते हैं। आवेदन भरने के बाद उसे सबमिट कर देना होता है और रसीद डाउनलोड कर सुरक्षित रखनी चाहिए।
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