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बिहार में निजी तालाब के जीर्णोद्धार पर सब्सिडी योजना की जानकारी

निजी तालाबों का जीर्णोद्धार योजना बिहार में मिलेगी 40% तक सब्सिडी, जानें

Ashish Chouhan 2 weeks ago 0 8

निजी तालाब जीर्णोद्धार योजना के तहत बिहार सरकार ने राज्य में मछली पालन को बढ़ावा देने और इसे एक फायदे का व्यवसाय बनाने के लिए एक शानदार पहल की है। यह योजना खास तौर पर उन किसानों के लिए है जो पहले से मछली पालन कर रहे हैं और जिनके पास खुद के निजी तालाब मौजूद हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पुराने और जर्जर तालाबों का सुधार (जीर्णोद्धार) कर मछली उत्पादन को बढ़ाना है, ताकि इससे जुड़े किसानों और समुदायों को आर्थिक रूप से मज़बूती मिल सके। यह पहल न सिर्फ मछली पालन को बढ़ावा देती है, बल्कि ग्रामीण लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

निजी तालाबों का जीर्णोद्धार की योजना के उद्देश्य 

  1. पानी की धारण क्षमता में सुधार: इस योजना का मुख्य लक्ष्य निजी तालाबों की पानी रखने की क्षमता को बढ़ाना है। जब तालाब में पानी लंबे समय तक बना रहता है, तो मछलियों के लिए बेहतर वातावरण तैयार होता है, जिससे उनका स्वास्थ्य सुधरता है और उत्पादन भी अधिक होता है।
  2. मछली पालन करने वाले किसानों को आर्थिक लाभ देना: सरकार इस योजना के तहत सहायता और सब्सिडी प्रदान करती है, ताकि मछली पालन करने वाले किसानों की आमदनी बढ़ सके। इससे उन्हें मछली पालन के व्यवसाय में न केवल प्रोत्साहन मिलता है, बल्कि वे इसे एक स्थायी और लाभकारी पेशे के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित होते हैं।

तालाब जीर्णोद्धार योजना के मॉडल

योजना के दो मॉडल हैं:

  1. पुराने निजी तालाबों का जीर्णोद्धार जो पिछले पांच वर्षों में किसी सरकारी योजना से नवीनीकरण से लाभान्वित नहीं हुए हैं।
  2. सरकारी योजनाओं के तहत बनाए गए निजी तालाबों का जीर्णोद्धार। इन तालाबों को पांच साल के बाद नवीनीकरण का लाभ मिलेगा।

निजी तालाब जीर्णोद्धार योजना के लाभ

  •  तालाबों के सुधार से उत्पादन और गुणवत्ता में बढ़ोतरी होगी जिससे मछली पालन बढ़ेगा।
  •  तालाबों में अधिक समय तक पानी जमा करने की क्षमता बढ़ेगी
  •  मछली बेचकर किसान अतिरिक्त कमाई का नया स्रोत मिलेगा
  •  किसानों को सब्सिडी (30%–40%) मिलेगी।
  •  गांव में रोज़गार के मौके बढ़ेंगे मत्स्य पालन से स्थानीय लोगों को काम मिलेगा।
  • जल प्रबंधन और जैव विविधता में सुधार होगा जिससे पर्यावरण को फायदा होगा।
  •  तालाब की मिट्टी हटने से जलभराव नहीं होगा।

तालाब जीर्णोद्धार योजना की सब्सिडी

इस योजना में किसानों को आर्थिक मदद के लिए सब्सिडी भी दी जाती है। प्रति हेक्टेयर मछली पालन के लिए कुल खर्च लगभग ₹6,00,000 होता है। सब्सिडी की दर अलग-अलग वर्गों के लिए तय की गई है। अन्य श्रेणी के किसानों को 30% सब्सिडी मिलेगी, जबकि अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC), अनुसूचित जाति (SC), और अनुसूचित जनजाति (ST) को 40% तक की सब्सिडी दी जाएगी। सब्सिडी की राशि दो किश्तों में दी जाती है, जो कि काम पूरा होने के बाद भुगतान की जाती है।

निजी तालाब जीर्णोद्धार योजना के लिए पात्रता

  • आवेदक बिहार राज्य के स्थायी निवासी होने चाहिए।
  • आवेदक के पास निजी तालाबों का मालिक या पट्टे पर लिया हुआ होना चाहिए।
  • आवेदक के पास पुराना या जीर्ण-शीर्ण निजी तालाब होना चाहिए। 

आवश्यक दस्तावेज़

  • आधार कार्ड, राशन कार्ड, या वोटर आईडी कार्ड।
  • दो पासपोर्ट आकार की फोटो (स्वयं सत्यापित)।
  • प्रस्तावित तालाब का स्पष्ट फोटो जिसमें एक पहचान योग्य स्थल चिन्ह हो।
  • भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र या पट्टा समझौता (पट्टे की भूमि के लिए न्यूनतम 9 वर्षों का होना चाहिए)।
  • राजस्व रसीद।
  • बैंक खाता विवरण (खाता संख्या, शाखा, IFSC कोड)।
  • जाति प्रमाणपत्र (EBC/SC/ST के लिए)।
  • यह प्रमाणपत्र कि तालाब पिछले 5 वर्षों में किसी सरकारी योजना के तहत नवीनीकरण नहीं हुआ है।
  • प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त तालाबों के लिए शपथपत्र (यदि लागू हो)।

आवेदन प्रक्रिया

  • सबसे पहले, आवेदक को विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://fisheries.bihar.gov.in/ पर जाना होगा और “वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सभी योजनाओं के लिए आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं” पर क्लिक करें।
  • इसके बाद, “मछली पालन योजना के लिए पंजीकरण” का चयन करें।
  • फिर आवेदक का नाम, जन्मतिथि, पता, बैंक विवरण आदि जैसे सभी आवश्यक विवरण भरें।
  • 10 अंकों का वैध मोबाइल नंबर डालें और OTP प्राप्त करने के लिए क्लिक करें।
  • OTP प्राप्त करने के बाद उसे सत्यापित करें और पंजीकरण नंबर और पासवर्ड प्राप्त करें।
  • फिर “लॉगिन” पर क्लिक करें और प्राप्त पंजीकरण नंबर व पासवर्ड की मदद से लॉगिन करें।
  • आवेदन की प्रिंट कॉपी सेव या डाउनलोड कर लें, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर उपयोग किया जा सके।

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