आजकल बाजारों में नकली खाद बिक रही है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। कई राज्यों में नकली खाद बेचने के मामले सामने आए हैं। इसलिए किसानों को असली और नकली खाद की पहचान करना आना चाहिए, ताकि वे धोखा खाने से बच सकें।
किसानों की खेती के लिए खाद एक बहुत ज़रूरी साधन है। लेकिन आजकल मिलावट बहुत हो रही है, इसलिए किसानो को यह जानना बहुत जरूरी है कि जो खाद वे इस्तेमाल कर रहे हैं, वह असली है या नकली। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि किसी भी फसल की अच्छी पैदावार के लिए अच्छी और असली खाद होना जरूरी होता है।
अगर आप इन 5 लोकप्रिय खादों का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यह ज़रूर जांच लें कि कहीं ये नकली तो नहीं हैं।
आइए जानते हैं असली खाद की पहचान –
- असली डीएपी (DAP – Diammonium Phosphate) : डीएपी में तंबाकू और चूना मिलाकर अगर मलें तो उसमें से तेज गंध आएगी, तो वो असली DAP है। अगर आप इसे गर्म तवे पर डालें, तो इसके दाने फूलने लगते हैं। इसके दाने कुछ कठोर, भूरे काले और बादामी रंग के होते हैं. यह नाखून से नोचने पर आसानी से टूटते नहीं हैं.
- असली यूरिया (Urea) : असली यूरिया की पहचान यह होती है इसके दाने सफेद, चमकीले और एक जैसे होते हैं असली यूरिया पानी में पूरी तरह घुल जाता है।असली यूरिया पानी में पूरी तरह घुल जाता है. वहीं, उस घोल को छूने पर ठंडे पन का अहसास होता है. अगर इसे तवे पर गर्म करें, तो ये पिघल जाता है और जब तेज आंच पर गर्म करते हैं, तो ये पूरी तरह जल जाता है और कुछ भी नहीं बचता।
- असली पोटाश (Muriate of Potash – MOP) : असली पोटाश हल्का गुलाबी रंग का होता है और पानी में घुलने पर लाल रंग को होकर ऊपर तैरता है. नकली पोटाश सफेद या बहुत गहरे रंग का होता है और पानी में घुलने में कठिनाई होती है।
- असली सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) : SSP यह हल्का भूरा और काले बादामी रंग होता है और इसकी गंध तेज होती है। असली सिंगल सुपर फॉस्फेट थोड़ा नमी वाला और गीला सा लगता है इस अगर हाथ से मसलने तो यह थोड़ा चिपकता है। अगर इसे पानी में घोले तो यह धीरे-धीरे घुलता है
- असली जिंक सल्फेट (Zinc Sulphate) : यह एक सफेद या हल्का नीला क्रिस्टल जैसा पाउडर या दाने के रूप में होता है। यह पानी में पूरी तरह घुल जाता है। जिंक सल्फेट को छूने पर हल्का ठंडा महसूस होता है और यह थोड़ी नमी में चिपचिपा हो सकता है।
और ये भी पढ़े :- जुलाई के पहला हफ्ता तिल की खेती के लिए सबसे अच्छा समय, जाने तिल की उन्नत प्रजातियां