सर्दियों में चारे की कमी न हो, इसलिए तैयारी अभी से शुरू करना जरूरी है। हरे चारे को सही तरीके से संभालना भी बेहद अहम होता है। उदाहरण के लिए, साइलेज बनाना एक अच्छा विकल्प है। इससे पशुओं को पूरा पोषण मिलेगा और उनकी सेहत बनी रहेगी। इसीलिए समय रहते कदम उठाना बेहतर होता है।
सर्दियों में हरे चारे की तैयारी क्यों जरूरी है?
जब सर्दी बढ़ती है, तब हरे चारे की कमी हो जाती है। पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए हरा चारा बहुत जरूरी होता है। इससे उन्हें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स जैसे आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं। यदि जानवरों को पर्याप्त हरा चारा नहीं मिलता, तो उनका दूध कम हो सकता है, वजन घट सकता है और वे बीमार पड़ सकते हैं।
सर्दियों में हरे चारे की तैयारी के लिए उपयुक्त फसलें
सितंबर के महीने में नेपियर घास के साथ-साथ लोबिया जैसी दलहनी फसल की बुवाई करनी चाहिए। नेपियर घास लगभग पांच साल तक हर मौसम में हरा चारा देती है। दलहनी चारा प्रोटीन प्रदान करता है, जबकि नेपियर घास से कर्बोहाइड्रेट मिलता है। इन दोनों का मिश्रण पशुओं की डाइट को संतुलित और पौष्टिक बनाता है।
चारा उगाने की तैयारी कब और कैसे करें?
गर्मियों में खेत की अच्छी तरह जुताई करें और सारे खरपतवार साफ कर दें। फिर सितंबर में चारे की बुवाई करें ताकि सर्दियों में आपके पास ताजा चारा उपलब्ध हो। साथ ही सिंचाई का ध्यान रखना भी जरूरी है।
चारा स्टोर करने के आसान और कारगर तरीके
जब चारा ज्यादा हो जाए तो उसे खराब होने से बचाने के लिए स्टोर करना जरूरी हो जाता है। इसके लिए साइलो तकनीक बहुत काम आती है। इससे चारा लंबे समय तक ताजा और पौष्टिक बना रहता है।
संतुलित खुराक का महत्व
जानवरों को सिर्फ हरा चारा देना ही काफी नहीं होता, बल्कि उन्हें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और जरूरी मिनरल्स भी अच्छे से मिलने चाहिए। इससे उनकी सेहत अच्छी रहती है, दूध और मांस दोनों का उत्पादन बेहतर होता है। इसलिए हमेशा संतुलित डाइट पर ध्यान दें।
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