बीज और रोपण सामग्री पर उप-मिशन (Sub‑Mission on Seed and Planting Material – SMSP): किसानों की फसल उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और खेती को लाभदायक बनाने के लिए भारत सरकार ने बीज और रोपण सामग्री पर उप-मिशन (SMSP) की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करना है, ताकि वे बेहतर उपज हासिल कर सकें।
क्या है बीज और रोपण सामग्री पर उप-मिशन (SMSP)?
भारत सरकार की “ग्रीन रेवोल्यूशन – कृषोन्नति योजना” का एक हिस्सा है, जिसे साल 2016-17 में शुरू किया गया था। इसका मकसद ये है कि किसानों को अच्छी क्वालिटी के, भरोसेमंद और प्रमाणित बीज व पौध सामग्री आसानी से मिल सके। ताकि किसान बेहतर फसल उगा सकें और उनकी मेहनत का सही फल मिल सके।
SMSP योजना का उद्देश्य
- किसानों को अच्छे, भरोसेमंद और उन्नत बीज समय पर मिलें।
- देशभर में बीज से जुड़ी सुविधाएं (जैसे प्रोसेसिंग, टेस्टिंग, भंडारण) को बेहतर बनाना।
- किसान खुद बीज तैयार कर सकें, इसके लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाना।
- अच्छी फसल हो, पैदावार बढ़े और किसान की आमदनी में इज़ाफा हो।
- किसानों को बीज से जुड़ी तकनीकी जानकारी और सही तरीके से भंडारण की ट्रेनिंग देना।
बीज और रोपण सामग्री पर उप-मिशन (SMSP) योजना के लाभ:
- किसानों को अच्छे और सच्चे बीज मिलते हैं।
- बीज बदलने की दर बढ़ती है।
- फसल की पैदावार बढ़ती है।
- बीज खरीदने पर आर्थिक मदद मिलती है।
- बीज जांचने और संभालने की सुविधाएं बढ़ती हैं।
- खेती ज्यादा मजबूत और टिकाऊ होती है।
- किसानों की आय बढ़ती है।
बीज परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए आवेदन कैसे करें
सबसे पहले आपको जिला कृषि कार्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र से आवेदन फॉर्म लेना होगा। इसमें अपने बारे में जानकारी, स्थान और जरूरी दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, बैंक खाता और जमीन के कागज लगाने होते हैं। फिर यह फॉर्म और दस्तावेज़ जमा करवा दें। आवेदन की जांच के बाद, अगर आपका प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो आपको सरकारी अनुदान दिया जाएगा। आप संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट जैसे https://seednet.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
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